सी-सेक्शन के बाद पीठ दर्द : कारण और उपचार गर्भावस्था और प्रसव एक महिला के जीवन के सबसे मैजिकल अनुभवों में से हैं, लेकिन यह शरीर के लिए परेशानी भर हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान ज्यादातर महिलाओं को कमर दर्द जैसी कई स्थितियों से जूझना पड़ता है। अब, यह स्थिति ज्यादातर वजन बढ़ने, हार्मोनल परिवर्तन और स्वतंत्र रूप से चलने में असमर्थता के कारण उत्पन्न होती है। गर्भावस्था एक महिला की रीढ़ को भी प्रभावित करती है, और यह सी-सेक्शन के बाद भी पीठ दर्द को जन्म दे सकती है। आमतौर पर पीठ दर्द कई कारणों से हो सकता…
महिलाओ के किन-किन अंगो में हो सकता है टीबी का प्रभाव टीबी अर्थात ट्यूबरक्लोसिस एक संक्रमित बीमारी है जो न केवल फेफड़ो को प्रभावित करती है बल्कि शरीर के अन्य हिस्सो को भी गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। यदि यही टीबी महिलाओं के जननांग को प्रभावति करती है तो महिलाओं को बांझपन जैसी बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। टीबी को आमबोल चाल की भाषा में बहरुपिया (छलिया रोग) भी कहते है। टीबी को बहुरुपिया इसलिए कहा जाता है कि इसके शुरुआती लक्षम आसानी से पता नही चल पाते है और जब यह खतरनाक रुप धारण कर लेता…
यूट्रस में टीबी के लक्षण, कारण और इलाज – TB In Uterus महिलाओं में जननांग तपेदिक (यूट्रस में टीबी) किसी भी तरह से असामान्य नहीं है, खासकर उन समुदायों में जहां फुफ्फुसीय या एक्सट्रैजेनिटल टीबी के अन्य रूप आम हैं। टीबी शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है, बिना किसी नैदानिक अभिव्यक्ति के मौजूद हो सकता है। जननांग टीबी पुरुषों और महिलाओं दोनों में बांझपन के सबसे आम कारणों में से एक है। यह भारत में स्त्री रोग संबंधी लगभग 1 से 2% मामलों में पाया जाता है। क्षय रोग (टीबी) एक संक्रामक रोग है जो ट्यूबरकल…
महिलाओं में क्यों होता है यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) ज्यादातर बैक्टीरिया (कीटाणुओं) के कारण होता है जो ब्लैडर में पहुंच जाते हैं, जो यूरिनरी ट्रैक्ट का हिस्सा है। यूटीआई (UTI) को ब्लैडर इन्फेक्शन भी कहा जाता है। यूटीआई आम हैं, खासकर महिलाओं में। आधे से अधिक महिलाओं को जीवन में कभी न कभी कम से कम एक यूटीआई तो सामान्तः हो ही जाता है । यूटीआई गंभीर और अक्सर दर्दनाक होते हैं। लेकिन अधिकांश यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का इलाज आयुर्वेदिक औषधियों के द्वारा करना आसान होता है। इसके उपचार में डॉक्टर एंटीबॉयोटिक का प्रयोग भी करते…
कैसे पहचाने पीसीओडी के लक्षण – SYMPTOMS OF PCOD/PCOS पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) एक एंडोक्राइन (हार्मोनल) विकार है। ज्यादातर, लक्षण पहले किशोरावस्था में, मासिक धर्म की शुरुआत के आसपास दिखाई देते हैं। हालांकि, कुछ महिलाओं में 20 के दशक के मध्य तक लक्षण विकसित नहीं होते हैं। पीसीओएस का प्रभाव प्रजनन आयु की 5 से 10 प्रतिशत महिलाओं के बीच प्रभावित होने का अनुमान है, इस प्रकार यह इस आयु वर्ग की महिलाओं में सबसे आम हार्मोनल विकार है। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) या पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज (PCOD) क्या है? पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम या रोग (पीसीओएस/पीसीओडी) एक हार्मोनल विकार है…
प्रेगनेंसी के दौरान पीठ और कमर में दर्द होने के कारण और इलाज गर्भावस्था के दौरान पीठ दर्द या कमर दर्द होना बहुत आम है, खासकर शुरुआती दौर में। गर्भावस्था के दौरान, आपके शरीर में स्नायुबंधन स्वाभाविक रूप से नरम हो जाते हैं और आपको प्रसव के लिए तैयार करने के लिए खिंचाव करते हैं। यह आपकी पीठ के निचले हिस्से और श्रोणि के जोड़ों पर दबाव डाल सकता है, जिससे पीठ दर्द हो सकता है। पीठ दर्द अक्सर गर्भावस्था के जीवन का एक तथ्य है – डॉक्टरों का कहना है कि कम से कम आधी गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था…
पेडू या गर्भाशय में दर्द होने के कारण और निवारण – Causes & Prevention of Pelvic Pain in Hindi पैल्विक दर्द (Pelvic Pain) पुरुषों और महिलाओं दोनों में हो सकता है और संक्रमण, आंतरिक अंगों में असामान्यताएं, या पैल्विक हड्डियों से दर्द के कारण हो सकता है। महिलाओं में, पैल्विक दर्द प्रजनन प्रणाली से संबंधित हो सकता है। उपचार कारण पर निर्भर करता है। पेन फिजिशियन में प्रकाशित शोध के अनुसार, दुनिया भर में पैल्विक दर्द की व्यापकता 5.7 से 26.6 प्रतिशत के बीच है। यद्यपि स्त्री रोग संबंधी स्थितियों वाली महिलाओं में पैल्विक फ्लोर दर्द एक आम शिकायत है,…
गर्भाशय की सूजन के आयुर्वेदिक उपाय – Ayurvedic Treatment of Uterine Swelling in Hindi पीआईडी (पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज), पीसीओडी (PCOD), मधुमेह (Diabetes), अस्थमा या गठिया जैसे अधिकांश आधुनिक विकारों के इलाज के लिए आयुर्वेद तेजी से दुनिया में सबसे अच्छे चिकित्सा विज्ञान के रूप में उभर रहा है। आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां किसी भी बीमारी के गहरे जड़ वाले कारण को खत्म करती हैं और शरीर में प्राकृतिक रूप से जैविक संतुलन को बहाल करती हैं।गर्भाशय की सूजन (Uterine Swelling) पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज या पीआईडी महिला प्रजनन प्रणाली के किसी भी हिस्से की सूजन है जिसमें गर्भाशय ग्रीवा, गर्भाशय, एंडोमेट्रियम, फैलोपियन ट्यूब…
बच्चेदानी में सूजन : लक्षण, कारण, एवं उपचार – Uterine Swelling in Hindi गर्भाशय को आमबोल चाल की भाषा में बच्चादानी कहते है। बच्चादानी (गर्भाशय) महिलाओं के प्रजनन का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जिसके आकार की एक निश्चिच सीमा होती है। परंतु स्वास्थ्य समस्याओं के चलते कई बार ऐसा भी होता है कि जब सूजन आती है तो महिला के पेट की आकृति में वृद्धि देखने को मिलती है। बच्चेदानी की सूजन (Uterine swelling) को मेडिकल की भाषा एंडोमेट्राइटिस (गर्भाशय की परत में सूजन) के जान से जाना जाता है। बच्चेदानी में सूजन होने पर ऐसा प्रतीत होता है जैसे…