बच्चेदानी का मुँह खोलने के उपाय

बच्चेदानी का मुँह खोलने के उपाय: बच्चेदानी का मुँह कैसे खोले?

क्या आपको पता है की बच्चेदानी का मुंह कैसा होता है?, बच्चेदानी का मुंह खोलने के कारण क्या होते है? और बच्चेदानी का मुंह खोलने के उपाय क्या हैं? तो चलिए इस ब्लॉग के माध्यम से इन सारे सवालों के जवाब जानते है। जैसे-जैसे गर्भावस्था का समय बढ़ता जाता है, वैसे ही महिलाएं अधिक उत्साहित होती जाती हैं। 9वा महीना आखिरी महीना होता है जब आपकी सारी मेहनत रंग लाती है। डॉक्टर जांच कर के पहले ही बता देते है की आपकी डिलीवरी कब होगी। कई मामलों में डॉक्टर की दी गई डेट से पहले ही डिलीवरी हो जाती है। (और पढ़े : गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में क्या खाना चाहिए)

क्या आप बैठते समय असहज महसूस करते हैं, जैसे कि आप एक छोटे से उभार (Tiny Bump) के ऊपर हों? इसका एक कारण यह हो सकता है कि आपका गर्भ (Womb) या गर्भाशय (Uterus) आपकी कमजोर पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों के कारण नीचे गिर रहा है या नीचे खिसक रहा है।

जन्म देने वाली माताओं में यह काफी सामान्य स्थिति है। और कुछ महिलाओं में डेट निकलने के कई दिनों बाद भी लेबर पेन शुरू नहीं होता है। कहते हैं कि जब बच्‍चेदानी का मुंह खुलने लगे, तो समझ लेना चाहिए कि अब बच्‍चा बाहर आने के लिए तैयार है। अगर आपके साथ ऐसा नहीं होता तो आप बच्चेदानी का मुंह खोलने के घरेलू उपाय आज़मा सकती है। आज इस आर्टिकल में हम बच्चेदानी का मुँह खोलने के उपाय पर बात करेंगे। (और पढ़े :बच्चेदानी का मुँह खोलने के उपाय के डॉक्टर)

बच्चेदानी कहाँ होती है? पीरियड में बच्चेदानी का मुंह कितने दिन तक खुला रहता है? 

माँ बनने की चाहत रखने वाली सभी महिलाओं में बच्चेदानी को लेकर अक्सर मन में सवाल आते है बच्चेदानी का मुंह कैसा होता है? और पीरियड्स के कितने दिन तक खुला रहता है? यूटेरस यानि बच्चेदानी स्त्री का एक आंतरिक यौनांग है। सेक्सुअल इंटरकोर्स के बाद गर्भधारण से लेकर फ़ीटस डेवेलोप होने की सारी प्रक्रिया बच्चेदानी में ही विकसित होती है। बच्चेदानी या गर्भाशय नाशपाती के आकार का 70 मि.मी. लंबा और 45 मि.मी. चौड़ा एक थैली के समान होता है।

यह शरीर में मलाशय और मूत्राशय के बीच में स्थित होती है। बच्चेदानी का मुंह मासिक धर्म खत्म होने के बाद भी खुला रहता है पीरियड के शुरू होने से लेकर मासिक धर्म खत्म होने के 5-6 दिन बाद तक बच्चेदानी का मुंह खुला रहता है।

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बच्चेदानी का मुँह खोलने के उपाय – Home Remedies to Open Cervix in Hindi

Home Remedies to Open Cervix in Hindi

गर्भवस्था में कुछ महिलाओं में डेट निकलने के कई दिनों बाद भी Labor pain (प्रसव पीड़ा) शुरू नहीं होता है। तब अक्सर बच्चेदानी को लेकर हमारे मन में सवाल आते है कि:

  • बच्चेदानी का मुँह खोलने के उपाय क्या है ?
  • बच्चेदानी का मुंह खोलने के लिए क्या करना चाहिए ?
  • बच्चेदानी का मुंह खोलने की दवा क्या है ?

आइए जाने की बच्चेदानी का मुँह खोलने में फायदेमंद घरेलु उपाय, एक्सरसाइज और खान-पान कैसा रखे ?

हल्दी का प्रयोग करे

हल्दी एंटीसेप्टिक गुण से भरपूर एक औषधीय जड़ी बूटी है। जो प्रेगनेंट महिलाओं के लिए आखिरी महीने में एक वरदान की तरह कार्य करता है। प्रेगनेंसी के आखिरी महीने के शुरुआत से ही पेट में संकुचन होने लगता है। ऐसे समय में प्रेग्नेंट महिलाओं के पेट, पैर और कमर में अचानक से दर्द शुरू हो जाता है। इसलिए आप बच्चेदानी का मुंह खोलने का घरेलु उपाय अपनाते हुए एक चम्मच हल्दी को गुनगुने दूध के साथ मिलाकर रोज रात को सोने से पहले इसका नियमित रूप से सेवन कर सकती हैं।।

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अरंडी का तेल

बच्चेदानी का मुँह खोलने के उपाय के लिए अरंडी का तेल एक उपयोगी तरीका है। आप 29 ml तक की मात्रा में इस तेल का सेवन कर सकलते हैं। अरंडी के तेल के सेवन से प्रोस्टाग्लैंडीन उत्पन्न होता है, जो प्रसव शुरू करने और बच्चेदानी का मुंह खोलने के उपाय में कारगर साबित हो सकता है।लेकिन इसके बेहतर परिणाम के लिए आप इस्तेमाल से पूर्व किसी विशेषज्ञ से संपर्क अवश्य करें। 

अजवाइन  

तासीर में गर्म होने के कारण अजवाइन आपके शरीर को डिलीवरी (प्रसव पीड़ा) को सहने के लिए मजबूती प्रदान करता है और प्रसव की तैयारी करता है। डिलीवरी के बाद भी अजवाइन के लड्डू खाना फायदेमंद साबित होते है। आप चाहें तो अजवाइन के लड्डू बनाकर उसे नियमित रूप से खा सकती हैं क्यूंकि यह प्राकृतिक रूप से डिलीवरी के दर्द को बर्दाश्त करने के लिए आपको मजबूती प्रदान करता है और प्रेगनेंसी  

अदरक और लहसुन

अदरक और लहसुन दोनों प्राकृत रूप से उपलब्ध जड़ी बूटी है जो गर्म स्वाभाव का होता है। इसलिए आपको प्रेगनेंसी से आखिरी महीने में इसके सेवन की सलाह दी जाती है। आप अदरक का सेवन चाय या पानी में डालकर कर सकती हैं। आप रोजाना सुबह लहसुन का सेवन कर सकती हैं। यह बच्चेदानी का मुंह खोलने का उपाय है। 

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गुनगुना पानी पीएं

जैसे जैसे आपके डिलीवरी का समय पास आने लगता है आपकी मांसपेशियों में खिंचाव उत्पन्न होने लगता है। इस समस्या को दूर करने के लिए आप गुनगुना पानी पी सकती हैं, इससे  मांसपेशियों में आ रहे तनाव से आराम दिलाता है। इस समय आपको ठंडी चीजों से परहेज करने के लिए कहा जाता है क्यूंकि इससे मांशपेशियों में कॉन्ट्रैक्शन होने लगती हैं जिससे प्रसव के समय पीड़ा हो सकती है डिलीवरी में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए प्रेगनेंट महिलाओं को सलाह दी जाती है की प्रेगनेंसी के दौरान कोशिश करें कि गर्म पानी ही पियें। 

खजूर का प्रयोग करे

रिसर्चर्स के अनुसार प्रेगनेंसी के अंतिम दिनों में आपको खजूर का सेवन करना चाहिए। इसका सेवन आपको प्रसव पीड़ा से बचाता है और बच्चेदानी का मुंह खोलने के उपाय में कारगर साबित होता है।  यह पता चलता है कि प्रेगनेंसी के आखिरी हफ्तों में खजूर खाना फायदेमंद होता है। साथ ही सर्विक्स को फैलाने में मदद करता है.

पेल्विक की मांसपेशियों के लिए व्यायाम करें

अक्सर लोगों को यह भ्रम होता है कि प्रेगनेंसी के दौरान वो जितना अधिक एक्सरसाइज करेंगे उनका स्वास्थ्य उतना ही अच्छा रहेगा और डेलिवरी भी स्मूथ होगी लेकिन सच यह है कि हर काम में संतुलन बहुत जरुरी है। अगर आप भारी सामान उठाने से, हैवी एक्सरसाइज करने से या घर के अन्य मुश्किल कामों से परहेज नहीं करेंगे तो आपका गर्भपात भी हो सकता है और पेल्विक मसल भी कमजोर हो सकती है। इसलिए एक्सरसाइज करने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। प्रेगनेंसी की हालत में किसी से मदद मांगने में कतराए नहीं क्यूंकि आपके स्वजन आपकी अवस्था को समझ सकते हैं और ख़ुशी ख़ुशी सहयोग भी कर सकते हैं। घर के कामों में हाथ बटाने से पहले उसके परिणाम के बारे में सोच लें इससे गर्भ पर दबाव पड़ सकता है जो आपके लिए अच्छा नहीं है। खांसने से भी पेल्विक एरिया पर दबाव पड़ता है इसलिए हल्की खांसी को भी इग्नोर न करें और अपने स्वास्थ्य सेवा विशेषज्ञ से संपर्क करे।  

एक्सरसाइज करे

अक्सर लोगों को यह भ्रम होता है कि प्रेगनेंसी के दौरान वो जितना अधिक एक्सरसाइज करेंगे उनका स्वास्थ्य उतना ही अच्छा रहेगा और डेलिवरी भी स्मूथ होगी लेकिन सच यह है कि हर काम में संतुलन बहुत जरुरी है। अगर आप भारी सामान उठाने से, हैवी एक्सरसाइज करने से या घर के अन्य मुश्किल कामों से परहेज नहीं करेंगे तो आपका गर्भपात भी हो सकता है और पेल्विक मसल भी कमजोर हो सकती है। इसलिए एक्सरसाइज करने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। प्रेगनेंसी की हालत में किसी से मदद मांगने में कतराए नहीं क्यूंकि आपके स्वजन आपकी अवस्था को समझ सकते हैं और ख़ुशी ख़ुशी सहयोग भी कर सकते हैं। घर के कामों में हाथ बटाने से पहले उसके परिणाम के बारे में सोच लें इससे गर्भ पर दबाव पड़ सकता है जो आपके लिए अच्छा नहीं है। खांसने से भी पेल्विक एरिया पर दबाव पड़ता है इसलिए हल्की खांसी को भी इग्नोर न करें और अपने स्वास्थ्य सेवा विशेषज्ञ से संपर्क करे।  

Walk करें

वॉक करने से शरीर में ब्लड का फ्लो बढाता है, जो बच्चेदानी का मुंह खोलने के उपाय में से एक हो सकता है।अगर आप बाहर जाने से असमर्थ हैं तो घर के अंदर ही वाक कर सकती हैं। अगर आप वाक करती हैं तो आपके पेल्विक मसल्स में फैलाव होता है क्यूंकि इस प्रक्रिया में बच्चे का पूरा वजह निचे की तरफ जमा हो जाता है और सर्विक्स पर प्रेशर बनाता है। आप बर्थिंग बॉल का इस्तेमाल भी कर सकती हैं। इस गतिविधि को अंजाम देने के लिए प्रेगनेंट महिला को बॉल पर बैठकर हिलना चाहिए। इससे डिलीवरी आसान हो जाती है।  

खुद को खूश रखें

तनाव आजकल सभी बिमारियों की जड़ बन गयी है और लगभग हम सबके जीवन का एक हिस्सा भी, लेकिन आप इससे मुक्ति के लिए अपने दोस्तों, निकट सम्बन्धियों से बात चित कर शक्तिओ हैं।  आप उन कार्यों का हिस्सा बनने की कोशिश करें जिससे आप खुश रह सकती है। इससे आपका तनाव और अवसाद दूर होगा तथा आपके बच्चेदनी का मुंह खोलने में भी मदद करेगा। 

बहुत सारे एक्सपर्ट्स इस बात की भी पुष्टि करते हैं कि बच्चेदानी का मुंह खोलने के उपाय (सर्विक्स ओपन करने के उपाय) में ब्रेस्ट को स्टिमुलेट करना भी शामिल है। निप्पल स्टिमुलेशन से आपके शरीर में ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन रिलीज होता है जिसकी वजह से बच्चेदानी का मुंह खुलता है। 

तितली आसन करें

बटरफ्लाई पोज़ या तितली आसन एक ऐसा एक्सेरसाइज है जिससे आपके बच्चेदानी का मुंह खुल पाता है। यह व्यायाम आपके जांघ, पीठ और बाकि की सारी मांसपेशियों को मजबूत और फ्लेक्सिबल बनाता है।  यह इतना साधारण व्यायाम है जिसे आप प्रेगनेंसी के शुरूआती दिनों से लेकर आखिर के दिनों तक कर सकती हैं। इससे महिलाओं का स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है। 

पेल्विक टिल्ट्स

पेल्विक टिल्ट के अभ्यास से आपके पेल्विक मांसपेशियां मजबूत हो जाती हैं और साथ ही प्रसव के लिए बहुत अच्छे से तैयार हो जाती हैं। इसके नियमित अभ्यास से लबोर पैन जल्दी शुरू हो जाता है और नार्मल डेलिवेरी की सम्भावना बढ़ जाती है। 

पेल्विक टिल्ट्स को करने का सही तरीका क्या है ? यह जानना बहुत जरुरी है। आपको सलाह दी जाती है कि पहले आप पीठ के बल लेटकर जाएँ फिर अपने घुटनों को मोड़कर और अपने पैरों को फ्लोर पर रखकर इसका अभ्यास शुरू करें। अपनी पीठ को फ्लोर से सटाएं और धीमी गति से उठाएं और पेल्विक को ऊपर की ओर धक्का दें। अब करीब 10 सेकंड तक इसी पोजीशन में रहें और धीरे-धीरे छोड़ें। आप चाहें तो अपने पेल्विक मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए इस अभ्यास को दिन में 2 बार 10 मिनट के लिए कर सकती हैं। 

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इस लेख की जानकारी हमें डॉक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है। इस विषय से जुड़ी या अन्य पीसीओएस, ट्यूब ब्लॉकेज, हाइड्रोसालपिनक्स उपचार पर ज्यादा जानकारी चाहते हैं। हमारे डॉक्टर चंचल की वेबसाइट www.drchanchalsharma.com पर जाए या हमसे +91 9811773770 संपर्क करें।

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