Black Fungus Infection – क्या ब्लैक फंगस का खतरा गर्भवती महिलाओं में भी हो सकता है ?
कोरोना की दूसरी लहर जैसे-जैसे समाप्ति की ओर बढ़ रही है वैसे-वैसे ब्लैक फंगर का खतरा गर्भवती महिलाओं एवं शिशुओं में अधिक देखने को मिल रहा है। ब्लैक फंगस का खतरा कोरोना से स्वस्थ हुए मरीजों एवं गर्भवती महिलाओं में अधिक देखने को मिल रहा है।
ब्लैक फंगस से कोरोना संक्रमित मरीजों की मृत्यु दर 50% है अर्थात आधे मरीज ही ब्लैक फंगस को चुनौती देकर ही रिकवर हो रहे है।
क्या है ब्लैक फंगस (Black Fungus Infection) और क्यों यह गर्भवती महिलाओं के लिए खतरा ?
ब्लैक फंगस (Black Fungus Infection) या फंगल एक प्रकार का संक्रमण है जिसे म्यूकोर-माइकोसिस (काली फफूंदी) के नाम से भी जानते है। यह एक अलग ही प्रकार का संक्रमण है । मेडिकल के आंकडों से पता चलता है कि यह इतना ज्यादा घातक है कि जिन लोगो को यह संक्रमण हुआ है उनमें से आधे लोगों की जान चली गई है।
ब्लैक फंगस के सबसे अधिक मरीज मधुमेह एवं कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले होते है। गर्भवती महिलाओं की इम्युनिटी बहुत ही कमजोर होती है इसलिए ऐसे में इनको भी अपने स्वास्थ्य का ध्यान देने की बहुत ज्यादा आवश्यकता होती है।
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किन लोगों को है ब्लैक फंगस (Black Fungus Infection) का सबेस अधिक खतरा ?
- सबसे अधिक मधुमेह के मरीजों को इसका खतरा होता है।
- कैंसर से पीड़ित मरीज भी इसकी चपेट में जल्दी से आ जाते है।
- स्टेरॉयड का सेवन करने वाले भी आसानी से गिरिप्त में आ सकते है।
- कुछ ऐसे भी लोग ऑक्सीजन मास्क या वेंटिलेटर के सपोर्ट में है उन्हें यह जल्दी से घेर लेता है।
- गर्भवती महिलाओं की इम्यूनिटी बहुत ही कमजोर होती है इसलिए उनको भी इससे बच कर रहना चाहिए।
- जिन लोगों को ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुआ है उनको भी ब्लैक फंगस का डर बना रहता है।
क्या है ब्लैक फंगस के लक्षण ? – Symptoms of Black Fungus in hindi
ब्लैक फंगस के लक्षणों के बारें में डॉक्टर चंचल शर्मा बताती है कि यह आमतौर पर साइनस, मस्तिष्क, आंख और फेफड़ो को सर्वाधिक प्रभावित करता है। इसके अतिरिक्त भी शरीर के कई हिस्सो को नुकसान पहुंचा सकता है जिसमें शरीर की त्वचा एवं ऑर्गन सिस्टम शामिल है।
- नाक का बंद हो जाना एवं नाक से काला रक्त निकलना।
- चेहरी की हड्डियों में दर्द होना, चेहरा सुन्न एवं सूजन होना।
- नाक के आसपास काले दब्बे पड़ना।
- दांत में दर्द होना।
- आंखों में जोर से दर्द में , धुंधला दिखाई पड़ना, आंखों के आसपास सूजन होना।
- सीने में दर्द की समस्या होना एवं सांस लेने में परेशनी।
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ब्लैक फंगस होने के कारण – Causes of Black Fungus in hindi
ब्लैक फंगस के कारणों की बात की जायें तो इसका सबसे बड़ा और मुख्य कारण शरीर का बढ़ा हुआ शुगर लेवल है।
- शुगर लेवल में वृद्धि हो जाने के कारण शारीरिक एक्टिविटी बहुत ही कम हो जाती है जिसके कारण भी ब्लैक फंगस होने की संभावना बनी रहती है।
- स्टेरॉयड के सेवन से भी इम्युनिटी बहुत ही गिर जाती है जिससे शरीर ब्लैक फंगस से विरुद्ध कार्य करने में असमर्थ हो जाता है और संक्रमण शरीर का घेर लेता है।
- इन सभी कारणों के अतिरिक्त हाईजीन एवं दूषित वातावरण के कारण ब्लैक का डर बना रहता है। हास्पिटलों में कोरोना काल के चलते इनकी ठीक प्रकार से साफ सफाई नही हो पाती है जिससे वहां का माहौल खराब हो जाता है और फंगस के बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।
ब्लैक फंगस से कैसे बचें – How to Avoid Black Fungus Infection
ब्लैक फंगस (Black Fungus Infection) से बचाव करने के लिए इसका पता शुरुआती समय में लगाना बहुत ही जरुरी होता है। परंतु ऐसा हो नही पता है। डॉ चंचल शर्मा कहती है जो लोग मधुमेह से पीडित है उनके उपचार में अधिकांश चिकित्सक अधिक पॉवर वाली दवाएं दे देते है जिनका सीधा असर किड़नी पर पड़ता है।
ऐसे मरीजों को बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरुरत होती है जिसका कोरोना के बाद ब्लैक फंगस (Black Fungus) हुआ है और उपचार के बाद स्वस्थ भी हो गये है परंतु वह अगर स्टेरॉयड की डोज ले रहे है तो पूरी सावधानी रखें।
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