महिला स्वास्थ्य – Women’s Health in Hindi
Women’s Health – महिलाएं समाज का हिस्सा होती है, बिना महिलाओं के समाज की कल्पना करना व्यर्थ है। ऐसे में घर परिवार एवं समाज का कर्तव्य बनता है कि महिला स्वास्थ्य Women’s Health की देखभाल करें।
स्त्री को भी पुरुषों की ही तरह स्वास्थ्य के उतार चढ़ाव का सामना करना पड़ता है। परंतु महिलाओं की कुछ स्वास्थ्य समस्या पुरुषों की अपेक्षा बिल्कुल भिन्न होती है। महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याएं अलग होने के कारण उनके दुष्प्रभाव भी अलग-अलग होते है।
Women’s Health – महिला में कुछ ऐसी ही स्वास्थ्य समस्याएं होती है जिसके वह पुरुषों से अलग होती है। मासिक धर्म,रजोनिवृत्ति, गर्भावस्था, प्रसव इत्यादि सभी समस्याएं महिलाओं के जीवन का अभिन्न हिस्सा होती है।
शुरुआत से ही महिलाओं को दोयम दर्जे के भाव से देखा गया है। यह केवल भारत ही नही बल्कि दुनिया के अन्य देशों में भी महिलाओं की सामाजिक हिस्सेदारी पुरुषों की अपेक्षा थोड़ी सी कम है।
इन्हीं वजहों से महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का उपचार एवं उसकी देखभाल पर बहुत कम ही ध्यान दिया गया है। समय के बदलाव के साथ-साथ अब महिला अब महिला स्वास्थ्य (Women’s Health) की बात तो सभी करते है पर फिर भी महिला स्वास्थ्य (Women’s Health) में बहुत ज्यादा सुधार अभी भी नही हुआ है।
स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां – Health Diseases
- स्त्री रोग संबंधी स्वास्थ्य समस्या – Mahila Rog Sambandhi Samasya
- गर्भावस्था से जुड़ी समस्याएं – Pregnancy ki Samasya
- ओवेरियन कैंसर एवं सर्वाइकल कैंसर – Ovarian Cancer Cervical Cancer ki Samasya
महिला रोग संबंधी स्वास्थ्य समस्या
महिलाओं में कुछ ऐसे स्त्री रोग होते है जो महिलाओं स्वास्थ्य (Women’s Health) को काफी हद तक प्रभावित करते है। महिलाओं के पीरियड्स यदि प्रभावित हो जाते है तो कई प्रकार की समस्याएं हो सकती है।
बैक्टीरियल वेजिनोसिस (Bacterial vaginosis), पीसीओएस , पीसीओडी (PCOD), (PCOS), एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis), फाइब्रॉइड (fibroid) जैसी समस्याएं हो सकती है। जिसके कारण महिलाओं का स्वास्थ्य बुरी तरह से प्रभावित होता है। महिला स्वास्थ्य के लिए Ayurveda for women health बहुत ही अच्छा है।
महिला गर्भावस्था से जुड़ी समस्याएं
गर्भावस्था महिलाओं की एक ऐसी अवस्था होती है जिस दौरान महिलाओं को सबसे ज्यादा देखरेख ही जरुरत होती है।
जब महिला गर्भवती होती है तो उस दौरान गर्भपात जैसी समस्या भी हो सकती है, समय से पहले ही प्रसव हो सकता है, स्तनपान की दिक्कत हो सकती है, जन्म दोष भी हो सकता है। इसके अलावा सेजेरियन से संबंधित परेशानियों का शिकार महिलाओं को होना पड़ सकता है।
ओवेरियन कैंसर एवं सर्वाइकल कैंसर – Ovarian cancer or cervical cancer
ओवेरियन कैंसर महिला स्वास्थ्य women’s Health में बहुत बड़ी बाधा है। ओवेरियन कैंसर महिलाओं के अंडाशय में संक्रमणउत्पन्न होता है जिससे महिलाओं की प्रजनन ग्रंथी खराब होने लगती है। ओवेरियन कैंसर महिलाओं में मृत्यु का कारण तक बन जाता है।
शुरुआती अवस्था में तो इसका पता ही नही चल पता है। जब ओवेरियन कैंसर का पता लगता है तो यह यह चौथे स्टेज में पहुंच चुका होता है।
सर्वाइकल कैंसर दुनियाभर की महिलाओं में दूसरा एक ऐसा कैंसर है जो सबसे ज्यादा होता है। यह महिलाओं के जीवन के मध्य में होता है अर्थात आधी उम्र गुजर जानें के बाद होता है। इस कैंसर की चपेट में 35 से 40 वर्ष की महिलाएं ज्यादा आती है।
भारतीय महिलाओं की बात करें तो यह कैंसर 15 वर्ष की आयु से ही शुरु हो जाता है और 40 वर्ष तक होने की संभावना होती है।
आयुर्वेदिक इलाज से कैसे महिलाएं खुद को रखे स्वस्थ – Ayurvedic Treatment for Women Health
आयुर्वेद बहुत ही प्राचीन चिकित्सा है जिसमें हर तरह के स्वास्थ्य संबंधी विकारों के उपचार उपलब्ध है। महिलाओं की जीवनशैली से संबंधित बीमारियों के उपचार में आयुर्वेद ने एलोपैथी को बहुत बड़ी टक्कर दे रहा है।
अधिकांश महिलाओं का अपने स्वास्थ्य की देखभाल के लिए अंग्रेजी दवाओं पर निर्भर रहना पड़ता था परंतु अब वक्त बदल गया है। आयुर्वेदिक उपचार ने महिलाओं के स्वास्थ्य उपचार में एक लोकप्रिय जगह बना ली है।
सबसे अच्छी तो यह बात है कि अनियमित जीवनशैली के कारण दुनियाभर में महिला स्वास्थ्य women’s health समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हालात बद से भी बत्तर होते जा रहे है परंतु आयुर्वेदा ने महिलाओं की बीमारी को ठीक करने में अतुलनीय योगदान दिया है ।
आयुर्वेद का उपचार पूरी तरह से साइड इफैक्ट फ्री होता है। आयुर्वेदिक दवाओं के सेवन से किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव देखने को नही मिलते है।
स्वस्थ रहने के लिए महिलाओं का नार्मल डाइट चार्ट – Diet Chart for Health
हर के दौर में हर कोई फिट और स्वस्थ रहना चाहता है। हम यहां पर एक ऐसे डाइट चार्ट को लेकर आये है जिसके अनुसार यदि आप अपने खाने पर ध्यान देंगे तो आपको बहुत सारी बीमारियों से निजात मिल जायेगी। यह डाइट चार्ट केवल महिलाओं के लिए ही है ।
एक रिपोर्ट में मुताबिक यह साफ हो चुका है कि महिला एवं पुरुष में मेटाबॉलिक में काफी अंतर होता है।
महिला एवं पुरुषों के शरीर में अंतर हो जाने के कारण उन्हें कुछ अलग तरह के न्यूट्रिशन को अपने डाइट चार्ट में सामिल करना चाहिए।
महिला स्वास्थ्य के लिए बेहतर आहार – Better Diet for Women’s Health
दूध (Milk) – महिलाओं के शरीर में अक्सर कैल्शियम की कमी पाई जाती है इसलिए हर उम्र की महिलाओं का दूध का सेवन अवश्य करना चाहिए। दूध में कैल्शिय की पर्याप्त मात्रा जो महिलाओं में हड्डियों से संबंधित परेशानी को दूर करने में मदद करता है।
- टमाटर (Tamato) – टमाटर महिलाओं की सेहत के लिए बहुत ही अच्छा होता है। टमाटर महिलाओं के डाइजेटर के लिए एक औषधि की तरह कार्य करता है । टमाटर में विटामिन बी6 होता है जोकि महिलाओं के पीरियड्स में होने वाले मूड स्विंग्स को दूर करता है।
- पालक (Spinach) – जब भी हरी सब्जियों का नाम लिया जाता है तो सबसे पहले अनायास ही पालक का नाम आ जाता है। पालक एक ऐसी सब्जी के रुप में उपलब्ध होती है जिसमें एक साथ कई सारे गुण होते है। पालक में विटामिन, मिनिरल्स तथा मैग्नीशियम से भरपूर होता है। यदि आप पालक का सेवन करती है तो पीरियड्स के दौरान होने वाले शारीरिक लक्षण जैसे कि पेट में ऐंठन, मुड में परिवर्तन, अत्यधिक ब्लीडिंग से बच सकती है।
- अखरोट (Walnut) – अखरोट एक ऐसा ड्राईफूड है जिसमें ओमेगा-3फैटी ऐसिड, फाइटोस्टेरॉल तथा एंटिआक्सिडेंट पर्याप्त मात्रा में पाये जाते है। इसके सेवन से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम हो जाता है। ओमेगा 3 होने के कारण यह महिलाओं के हड्डी तथा आर्थराइटिस की परेशान का दूर कर देता है।
(और पढ़ें – महिला निःसंतानता का उपचार || प्राकृतिक रूप से हाइड्रोसालपिनक्स उपचार)
स्वस्थ रहने के लिए महिलाओं को कौन से योग करना चाहिए –
प्राचीन काल से ही हमारे ऋषि मुनियों ने योग स्वस्थ रखने का एक श्रेष्ठ माध्यम बताया है। आज लोग नियमित रुप से योग एवं प्राणायाम करते है वह बीमारियों से बहुत दूर रहते है।
आज हम यहां पर महिलाओं के स्वास्थ्य पर आधारित चर्चा कर रहे है। इसलिए यदि महिलाएं अपनी दिनचर्या में योग एवं प्राणायाम को शामिल करती है तो बहुत सारी स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकती है।
योग महिलाओं के प्रजनन के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। योग एवं प्राणायाम के द्वारा महिलाएं अपने प्रजनन संबंधी विकारों का बहुत ही आसानी से दूर कर सकती है।
- कपालभाती – कपाभाती योगासन के योग महिलाएं अपने स्वास्थ्य से संबंधित परेशानी को दूर कर सकती है। जिन महिलाओं की PCOD की समस्या होती है वह कपालभाती के द्वारा इसको दूर कर सकती है। कपालभाती के नियमित प्रयास से आप पीसीओडी की समस्या से राहत पा सकती है। कपालभाती योगासान से आपको पीसीओडी से छुटकारा तो मिलेगा ही साथ ही आपके चेहरे की चमक भी बढेगी और साथ में अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से निजात मिल जायेगी।
- उत्तानासन – अधिक वजन के कारण आज कल हर कोई परेशान रहता है। इस आसन के द्वारा आप अपने पेट तथा पेट के बगल में जमी चर्बी को हटा सकते है। पेट की चर्बी बहुत सारी बीमारियों को निमंत्रण दे सकती है। इसलिए इस योग की सहायता से आप चर्बी को दर करके बीमारियों से अपने शरीर की रक्षा कर सकती है।
- सर्वांगासन – यह महिलाओं के लिए बहुत ही अच्छा आसान है जिसकी मदद के द्वारा आप अपनी खूबसूरती बरकरार रख सकती है। इस योग के नियमित अभ्यास से त्वचा में अच्छे रक्त का संचार होता है, जो आपकी त्वचा को चमकदार बनाता है।
- कुंडलिनी योग – इस योग की सहायता से पीरियड्स एवं मनोपॉज की समस्या से राहत पा सकते है। गर्भवती महिलाओं के लिए यह बहुत अच्छा योग माना जाता है।
- तितली आसन – यदि महिलाओं को गर्भाशय से संबंधित कोई समस्या आ रही है तो तिलली आसन का सहारा लेकर आप इस समस्या से निजात पा सकती है।