ओवुलेशन पीरियड के लक्षण

क्या और कब होता है ओवुलेशन? ओवुलेशन पीरियड के लक्षण क्या है?

ओवुलेशन किसी भी महिला के मेंस्ट्रुअल साइकिल के बीच के वो दिन होते हैं जब वह सबसे ज्यादा फर्टाइल होती है। यह वो समय होता है जब महिला का अंडा ओवरी से बाहर आकर फैलोपियन ट्यूब में आ जाता है तब अगर कोई कपल सम्बन्ध बनाते हैं तो उनके गर्भधारण की सम्भावना बढ़ जाती है। इसलिए जो कपल प्रेगनेंसी कन्सीव करना चाहते हैं उनके लिए यह जानना बहुत जरुरी है कि ओवुलेशन पीरियड के लक्षण क्या होते हैं? ओवुलेशन क्या होता है?, Ovulation period kab hota hai, ओवुलेशन किसे कहते हैं? 

ओवुलेशन क्या होता है? 

ओवुलेशन एक महिला के मासिक धर्म चक्र का बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। ओवुलेशन किसे कहते हैं, ओवुलेशन क्या होता है?, ovulation period kab hota hai, ओवुलेशन पीरियड के लक्षण, Ovulation kab hota h, इसे जानने के बाद आपको गर्भधारण में मदद मिलेगी। क्यूंकि Ovulation के दिनों में कोई महिला सबसे ज्यादा फर्टाइल होती है और माँ बनने की संभावना अधिक होती है। ओवुलेशन पीरियड के दिनों में महिला के अंडाशय से एक मैच्योर अंडा बाहर निकलता है और फैलोपियन ट्यूब में आ जाता है। अगर इन दिनों में कोई कपल असुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाता है तो स्पर्म ट्यूब में जाकर एग को फर्टिलाइज़ कर देता है। लेकिन जो कपल कन्सीव नहीं करना चाहते हैं उन्हें ओवुलेशन के दिनों में सम्बन्ध बनाने से बचना चाहिए। 

जिन महिलाओं के पीरियड्स नियमित होते हैं उनके ओवुलेशन के दिनों को जानना भी आसान होता है लेकिन जिनके पीरियड्स अनियमित होते हैं उनके ओवुलेशन भी अनियमित होते हैं। ऐसा कई कारणों से हो सकता है जैसे थायरॉइड, PCOS या मोटापा। 

ओवुलेशन कब होता है (ovulation period kab hota hai)

हर महिला का मेंस्ट्रुअल साइकिल अलग अलग होता है। किसी का साइकिल 30 दिनों का होता है तो किसी का 21 दिनों का। इसलिए सभी के ओवुलेशन का समय भी अलग अलग होता है। लेकिन सामान्यतः ज्यादातर महिलाओं का मासिक चक्र 28 से 35 दिनों का होता है। जिन महिलाओं का मेंस्ट्रुअल साइकिल 28 दिनों का होता है उनका ओवुलेशन पीरियड्स के पहले दिन से गिनने पर 14वे दिन पड़ता है। ओवुलेशन कब होता है (ovulation period kab hota hai) इसका रिकॉर्ड रखने के लिए आपको अपने मेंस्ट्रुअल साइकिल के दिनों का ट्रैक रखना होगा और काउंटिंग हमेशा पहले दिन से शुरू होगा। 

ओवुलेशन पीरियड के लक्षण 

ओवुलेशन पीरियड के लक्षण बहुत स्पष्ट तो नहीं होते हैं लेकिन कुछ ऐसे लक्षण है जिसपे ध्यान देकर महिलाएं अपने ओवुलेशन पीरियड्स के लक्षण को पहचान सकती हैं: 

  • पेट के निचले हिस्से में दर्द होना ओवुलेशन पीरियड के लक्षण हो सकते हैं। 
  • ओवुलेशन पीरियड के दौरान महिलाओं में सेक्स की इच्छा सामान्य से अधिक हो जाती है। 
  • आपके ब्रैस्ट की सेंसिटिविटी बढ़ जाना ओवुलेशन के लक्षण हो सकते है। 
  • ओवुलेशन पीरियड के लक्षण में सर्वाइकल म्यूकस का सफेद, और चिकना होना शामिल है। 
  • आपकी सर्विक्स का कोमल होकर खुल जाना भी ओवुलेशन के लक्षण में शामिल हैं। 
  • सिर में दर्द होना और जी मिचलाना भी ओवुलेशन पीरियड के लक्षण हो सकते हैं। 

अगर किसी का ओवुलेशन ना हो तो क्या होगा? 

बिना ओवुलेशन के किसी महिला का गर्भवती होना असंभव है। ओवुलेशन ना होने के कई जोखिम कारक हो सकते हैं जिससे किसी महिला को परेशानी होती है। 

निःसंतानता: अगर किसी महिला का ओवुलेशन ना हो तो वह माँ नहीं बन पायेगी। इसे आप ओवुलेशन के लक्षण के रूप में भी समझ सकते हैं।  

हार्मोनल असंतुलन: अगर किसी महिला का ओवुलेशन नहीं हो रहा है तो यह हार्मोनल असंतुलन की निशानी हो सकती है। इसकी वजह से आपके चेहरे पर मुहांसे, अनचाहे बालों का उगना, मोटापा आदि जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। 

एमेनोरिया (Amenorrhea) : अगर किसी महिला का  ओवुलेशन नहीं होता है तो यह इस बात का संकेत भी हो सकता है की उनका पीरियड्स नियमित नहीं है। 

ओवुलेशन ना होने पर अन्य कई बिमारियों का जोखिम भी बढ़ जाता है –

ऑस्टियोपोरोसिस: एस्ट्रोजन की कमी के कारण होने वाली यह बिमारी जिसमे हड्डियां कमजोर होने लगती है। 

एंडोमेट्रियल हाइपरप्लासिया: इसमें प्रोजेरस्ट्रोन की कमी के कारण आपके गर्भाशय की परत अच्छे से निकल नहीं पाता है और मोटा होकर एंडोमेट्रियोसिस का कारण बन सकता है। 

हार्ट से जुड़े रोग: कुछ शोधों से यह पता चला है कि जिन महिलाओं का ओवुलेशन नहीं होता है उन्हें हॉर्मोन की समस्या होती है जैसे एस्ट्रोजन की कमी और उससे इन्सुलिन का स्तर बढ़ जाता है जो आपके ह्रदय के लिए हानिकारक हो सकता है। 

ओवुलेशन कितने घंटों तक चलता है? 

एक महिला एग जब अंडाशय से बाहर आता है तो ओवुलेशन के दौरान 12 से 24 घंटों तक जीवित रह सकता है। यानि यदि कोई महिला गर्भवती होना चाहती है तो उसे ओवुलेशन पीरियड के लक्षण को ध्यान में रखते हुए उस दौरान अपने पार्टनर के साथ सम्बन्ध अवश्य बनाना चाहिए। क्यूंकि अगर इन 24 घंटों में एग स्पर्म के संपर्क में नहीं आता है तो वह फर्टिलाइज़ नहीं हो पायेगा और आपको माँ बनने के लिए पुनः प्रयास करने के लिए अगले महीने तक इंतजार करना होगा। वहीँ एक पुरुष का स्पर्म करीब 5 दिनों तक जीवित रहता है इसलिए आप ओवुलेशन के 3 दिन पहले से सम्बन्ध बनाना शुरू कर सकते हैं जिससे ओवुलेशन के दौरान जब अंडा ओवरी से बाहर आएगा तो वहां स्पर्म पहले से मौजूद होगा और गर्भधारण की संभावना बढ़ जायेगी। 

ओवुलेशन को कैसे ट्रैक करें?

गर्भधारण का प्रयास करने वाली हर महिला के लिए यह आवश्यक है कि वह अपने ओवुलेशन को ट्रैक करे और मासिक चक्र को ध्यान में रखे. 

ओवुलेशन कैलेंडर : इस कैलेंडर में आप अपने इस महीने के पीरियड्स के फर्स्ट डे से लेकर अगले महीने पीरियड्स के फर्स्ट डे के बीच के दिनों की काउंटिंग कर लें, इससे यह पता चल जायेगा कि आपका मेन्स्ट्रुअल साईकल कितने दिनों का होता है. आप किसी कैलेंडर या अपने फ़ोन में इसको मार्क कर सकती है. आमतौर पर ओवुलेशन पीरियड मेंस्ट्रुअल साइकिल के बीच के दिनों में या उसके आस पास होता है. 

ओवुलेशन प्रेडिक्टर किट :  ओवुलेशन से 24 से 48 घंटे पहले महिला के शरीर में ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (एलएच) का स्तर बढ़ जाता है. इस किट की मदद से आप अपने यूरिन सैंपल का इस्तेमाल करके ओवुलेशन का समय पता लगा सकते हैं. किट के अंदर लिखे निर्देशों का पालन करते हुए अगर आप नियमित रूप से यह टेस्ट करते हैं तो आपके लिए ओवुलेशन का सही समय पता करना आसान हो जायेगा.

आप ओवुलेशन को ट्रैक करने हेतु ये तरीके अपना सकती है लेकिन अगर लम्बे समय तक प्रयास करने के बाद भी गर्भधारण में सफलता नहीं मिल पा रही है तो आपको किसी फर्टिलिटी एक्सपर्ट से संपर्क करना चाहिए.

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

ओवुलेशन किसे कहते हैं? 

ओवुलेशन महिलाओं के शरीर में होने वाली एक मासिक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमे महिला के ओवरी से अंडा बाहर निकलकर फैलोपियन ट्यूब में आता है। अगर यहाँ पर अंडा स्पर्म के संपर्क में आता है तो गर्भधारण संभव है नहीं तो वह महिला के शरीर द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है। 

ओवुलेशन के बाद क्या नहीं करना चाहिए? 

जो महिलाएं गर्भधारण नहीं करना चाहती हैं उन्हें ओवुलेशन के बाद कुछ दिनों तक असुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाने से बचना चाहिए क्यूंकि हो सकता है आपके मेंस्ट्रुअल साइकिल की अवधि बदल चुकी हो और आपका ओवुलेशन पूर्वनिर्धारित तारीख से कुछ दिन आगे पीछे हो जाये। 

ओवुलेशन होने के कितने दिन बाद पीरियड आता है? 

किसी महिला का पीरियड ओवुलेशन के कितने दिनों बाद होगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपका मेंस्ट्रुअल साइकिल कितने दिनों का होता है इसे ट्रैक करने के लिए आप किसी एप या कैलेंडर का उपयोग कर सकते हैं। प्रायः ओवुलेशन होने के 12 से 18 दिन बाद महिलाओं का पीरियड आता है। 

ओवुलेशन कितने घंटो का होता है?

सामान्यतः किसी महिला का ओवुलेशन 24 घंटों का होता है। इस दौरान वह अपने ओवरी से एग रिलीज करती है जो फैलोपियन ट्यूब में रहता है और अगर शुक्राणु के संपर्क में आ जाये तो फर्टिलाइज़ हो जाता है। 

इस लेख की जानकारी हमें डॉक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है। इस विषय से जुड़ी या अन्य पुरुषों से सम्बंधित रोग, महिलाओं के पीसीओएस, ट्यूब ब्लॉकेज, हाइड्रोसालपिनक्स उपचार पर ज्यादा जानकारी चाहते हैं। हमारे डॉक्टर चंचल की वेबसाइट www.drchanchalsharma.com पर जाए या हमसे +91 9811773770 पर संपर्क करें।

पूरी तरह से गोपनीय परामर्श के लिए आशा आयुर्वेदा की इन 5 ब्रांचेज दिल्ली, मुंबई, पुणे, लखनऊ और हैदराबाद में हमारे अत्यधिक अनुभवी और प्रशिक्षित प्रजनन विशेषज्ञों और स्त्री रोग विशेषज्ञों से परामर्श करें और PCOD/PCOS या महिला बांझपन के लिए सर्वोत्तम इलाज लें।

पुरुष / महिला से सम्बंधित किसी भी समस्या के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.चंचल शर्मा से मिले जो की आयुर्वेद की पंचकर्मा पद्धति से निःसंतान दंपतियों का इलाज करती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *