दिवाली को यूनिक बनाने के लिए अपनाएं ये इको फ्रेंडली तरीके || Eco Friendly Diwali 2023
क्या आप जानते हैं Eco Friendly Diwali 2023 क्या है? सदियों से दिपावली के पर्व को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। कहा जाता है कि दिवाली रोशनी का त्योहार है जो अंधकार पर विजय का प्रतीक है। दिवाली हिंदु धर्म का बहुत ही महत्तवपूर्ण त्योहारों में से एक है जो देशभर में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। यह त्योहार वास्तव में प्रेम और दियों की रोशनी से दिलों को रोशन करती है।
दीपावली के दौरान जिस पवित्रता के सिद्धांत पर जोर दिया जाता है, उसकी उत्पत्ति आयुर्वेद से हुई है। आयुर्वेद के अनुसार, जब हमारा मन, शरीर और आत्मा शुद्ध और सदभाव में होते हैं, तो हम अपने चारों ओर के सभी अंधेरे को दूर कर सकते हैं और पूर्ण कल्याण का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। इसलिए इस दिन घर को सजाने और दीये जलाने की पुरानी पंरपरा है।
Diwali आने में कुछ दिन ही शेष रह गए है। ऐसे में आपने भी स्पेशल प्लान किया होगा। जैसे की रंगोली बनाना, लाइटिंग सेट करना, नए कपड़े पहनकर गणेश जी और देवी लक्ष्मी माता की पूजा करना और बच्चों के लिए सबसे अहम पटाखें जलाना।
लेकिन पटाखों के कारण से हमारे आसपास के वातावरण दूषित होते हैं और जानवरों को भी काफी नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में कुछ समय से ईको फ्रेंडली दिवाली 2023 को बढ़ावा दें रहे है। लेकिन अगर आपको समझ नहीं आता की पटाखों के बिना दिवाली कैसे मनाएं तो यहां हम आपको बताते है कि आप किस तरह से मजेदार Eco Friendly Diwali मना सकते है।
(और पढ़े – आयुर्वेद के अनुसार हर्बल होली के फायदे)
ईको फ्रेंडली दिवाली इस तरह मना सकते है मजेदार | Eco Friendly Diwali in Hindi
- अब कहे पटाखों को ना
बढ़ते प्रदुषण को देखते हुए पटाखों से दूरी बना लें। ये चीजे कुछ देर का मजा दें सकती हैं लेकिन पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचा सकती है। जिसको ठीक होने काफी लंबा समय लगता है।
पटाखें जलाने के बाद हवा में जहरीले पदार्थ मौजूद होते है जो वायु और ध्वनि प्रदुषण का कारण बनता है। कई राज्य सरकारों ने बढ़ते प्रदुषण के चलते पटाखों पर बैन लगा दिया है। ऐसे में आप रंगीन कागजों से बने गुब्बारों या फिर ईको फ्रेंडली पटाखें जला सकते है।
- मिट्टी के दीयों का इस्तेमाल करें
इस त्योहार इलेक्ट्रिक लाइट्स के बजाए मिट्टी के दीयों से अपने घर को रोशन करें। ऐसा करने से न सिर्फ आप पर्यावरण को किसी तरह की नुकसान नहीं पहुंचाते ब्लकि कुम्हार और छोटे व्यापारियों को भी आर्थिक मदद मिलती है। साथ ही दीयों से बिजली बचती है और Eco Friendly Diwali भी मन जाती है।
- केमिकल फ्री रंगोली
आमतौर पर बाजार में केमिकल वाली Rangoli Colors मिलते है जो बहुत ही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित होते है। इसलिए इस दिवाली आप नेचुरल रंगो का इस्तेमाल कर रंगोली बना सकते है। महंगे Colours थोड़े मंहगे हो सकते है पर आपकी सेहत से बड़कर नहीं। हमारे किचन में भी कुछ कलर्स मौजूद होते है हम उनका भी इस्तेमाल कर सकते है।
- ईको फ्रेंडली मूर्तिया लाएं
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए और पर्यावरण हित में ईको फ्रेंडली मूर्तियों की ही पूजा करनी चाहिए। दिवाली पर मिट्टी की बनी ईको फ्रेंडली मूर्तियों को अपने घर पर स्थान दें। वहीं पीओपी से बनी मूर्तियों से दूरी बनाएं। इससे आप ईको फ्रैंडली मूर्तियां आसानी को असानी पानी में विसर्जित कर पौधों में डाल सकते हैं। इससे मूर्ति की बरबादी भी नहीं होगी और पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।
- जरूरतमंदों को दान करें
दिवाली खुशियों का त्योहार होता है तो आप भी अपना पुराना समान फैकने के बजाय किसी ऐसे व्यकित को दें सकते है। जिससे आप किसी के चेहरे पर खुशिया ला सकते है। इसके अलावा आप किसी संस्था में जाकर वृद्ध, बच्चों के लिए कुछ कर सकते है या फिर उनके साथ मनाकर दिवाली की खुशिया साझा करें।
- प्लास्टिक फूलों से दूरी बनाए
अगर आप भी प्लास्टिक से बने फूलों का इस्तेमाल करते है तो अब से बंद कर दें। क्योंकि प्लास्टिक से बने यह फूल खराब होने के बाद बायोडिग्रेड नहीं हो सकते है। इसके बजाय बाजार से ताजें फूलों को घर की सजावट के लिए इस्तेमाल करें जो बाद में बायोडिग्रेड भी हो सकें।
- जानवरों की रक्षा करें
दिवाली के इस त्योहार में कुछ लोग मजे में पटाकों को जानवार के पास छोड़ देते है। जिससे उन्हें काफी चोट लग जाती है। कई जानवार पटाखों की आवाज सुनकर डर से इधर-उधर भागने लगते है जो बड़ी घटना का शिकार हो सकते है।
इसके अलावा आप घर पर ही Surprise Plan कर अपनो के साथ सेलिब्रट कर सकते है। त्योहार में मिठाई या मंहगे गिफ्ट की बजाय पौधें उपहार में दें सकते है। Handmade Papers से अच्छी तरह गिफ्ट को पैक कर सकते है जो सबको बहुत ही पसंद आएगा। साथ ही मेहमानों के लिए प्लास्टिक कटलरी की जगह Eco-Friendly कटलरी या स्टील की पलेट का इस्तेमाल भी कर सकते है।
इन आसान और छोटे-छोटे तरीकों को अपना आकर न आप सिर्फ पर्यावरण को सुरक्षित नहीं करते है बल्कि खुद के आने वाले कल को भी सवार है। आप सभी को डॉ. चंचल शर्मा की तरफ से दिवाली की बहुत बहुत शुभकामनाएं।
(और पढ़े – होली (वसंत ऋतु) में आयुर्वेदिक नुस्खे अपनाकर कैसे रखें अपनी सेहत का ख्याल)