Gokhru ke Fayde in Hindi: गोखरू के फायदे, नुकसान और इस्तेमाल
भारत में कई हजार सालों से गंभीर रोगों या शारीरिक समस्या से छुटकारा पाने के लिए आयुर्वेदिक उपचार के तहर कई जड़ी बूटियों का और पौधों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
ये जड़ी बूटी और पौधे एक बेहतरीन औषधि के रूप में काम करती है। आयुर्वेद में बहुत सी औषधियों का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन इन सभी में सबसे खास है गोखरू (Gokhru) जिसे गोक्षुर या ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस के नाम से भी जाना है।
गोखरू एक ऐसी जड़ी बूटी है जो मानव शरीर को गंभीर से गंभीर रोगों से छुटकारा दिलाने में फायदेमंद साबित होती है। यह पौधा भले ही दिखने में छोटा होता है लेकिन इसमें मिलने वाले फायदे जबर्दस्त होते हैं। इस पौधे का हर हिस्सा अलग-अलग रोगों में अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल किया जाता है। चलिए आज इस लेख के जरिये (What is Gokhru) गोखरू क्या है?, इससे मिलने वाले गोखरू के फायदे और नुकसान के बारे में जानते हैं।
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गोखरू है एक औषधीय जड़ी बूटी- Bindii (Gokhru) is a Medicinal Herb in Hindi
गोखरू को गोक्षुर नाम से भी जाना जाता है। गोक्षुर का पौधा वर्षा ऋतु के मौसम में भी बढ़ सकता है। गोखरू एक शक्तिशाली औषधीय जड़ी बूटी है जिसका विभिन्न चिकित्सकीय उपयोग किया जाता है। इस जड़ी बूटी के फल और जड़ दोनों का ही इस्तेमाल आयुर्वेद में किया जाता है।
गोखरू का इस्तेमाल अस्थमा, खांसी, एनीमिया, बाँझपन, बुखार और अंदरूनी सूजन के इलाज में किया जाता है। इसके पौधे की राख का उपयोग रुमेटाइड आर्थराइटिस के इलाज में किया जाता है।
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गोखरू के फायदे और इस्तेमाल- Gokhru ke Fayde or Uses
इन निम्नलिखित में गोखरू के फायदे (Gokhru ke fayde) और इस्तेमाल शामिल हैं-
- आयुर्वेद के अनुसार, गोखरू (Gokhru) का सेवन मूत्र (Urine) से संबंधित समस्याओं एवं वात रोग (Vata Disease) के लिए प्रमुख रूप से प्रभावी होती है। यह शरीर की सूजन को कम करती है।
- आज तनाव के कारण हर कोई सिर दर्द की समस्या से परेशान रहता है। अगर आप सुबह-शाम गोखरू के काढ़े का सेवन करें, तो इससे पित्त दोष नियंत्रित होता है, जो सिर दर्द का कारण बनता है।
- गोखरू का काढ़ा पाचन शक्ति को बढ़ाता है जो पाचन क्षमता में मजबूती लाता है। हाजमा शक्ति के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा गोखरू के चूर्ण की सलाह देते हैं। पीपली के चूर्ण के साथ गोखरू औषधि को लेने से पेट से संबंधित सभी प्रकार के बीमारी से राहत मिलती है।
- गोखरू का काढ़ा पिलाने से जिसकी हाजमा शक्ति कमजोर है उसको खाना हजम करने में आसानी होती है। गोखरू के 30-40 मिली गोखरू काढ़ा में 5 ग्राम पीपल के चूर्ण का मिलाकर थोड़ा-थोड़ा पीने से पाचन-शक्ति बढ़ती है।
- अगर मसालेदार खाना खाने के बाद दस्त हो जाते है तो गोखरू बहुत काम आता है। 500 मिग्रा गोक्षुरफल चूर्ण को मट्ठे के साथ दिन में दो बार खिलाने से अतिसार और आमातिसार में लाभ होता है।
- डायबिटीज पेशेंट के लिए गोखरू का सेवन काफी प्रभावी होता है। गोखरू में कुछ ऐसे शक्तिशाली तत्व पाए जाते हैं, जो ब्लड में शुगर के स्तर को कम करने में मदद करता हैं।
- गोखरू के फायदे – गोखरु के सेवन से रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त होने की दर को कम करता है। और कोलेस्टेरॉल के स्तर को कम करता है।
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गोखरू के नुकसान- Side Effects of Bindii (Gorukh) in Hindi
अगर गोखरु के फायदे होते है तो इसके नुकसान भी शामिल है। इन निम्नलिखित में गोखरू के नुकसान शामिल हैं-
- अगर ज्यादा लंबे समय तक गोखरू का सेवन किया जाए तो इसकी वजह से पौरुष ग्रंथि (Prostate gland) से जुड़ी समस्याएँ हो सकती है।
- साथ ही जो लोग स्तन व पौरुष ग्रंथि कैंसर रोगी (breast and prostate cancer patients) से जूझ रहे हैं उन्हें गोखरू का किसी भी रूप से सेवन नहीं करना चाहिए।
- अगर आप गर्भवती है या बच्चे को दूध पिलाती है तो ऐसे में आपको इसका सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है जिससे समस्याएँ होने की आशंका बनी रहती है।
- जो बच्चे डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे हैं उन्हें डॉक्टर की सलाह से ही इसका सेवन करना चाहिए।
- अगर आप इसका अधिक सेवन करते हैं तो इसकी वजह से पीलिया या किडनी से जुड़ी समस्याएँ हो सकती है। इसकी वजह से किडनी सामान्य से ज्यादा पेशाब बनाती है जिससे किडनी पर काम का बोझ पड़ता है। पीलिया ग्रस्त रोगी को गोक्षुर केवल थोड़ी सी मात्रा में ही खाना चाहिए।
- अगर गोखरू का ज्यादा सेवन कर लिए जाए तो इसकी वजह से नींद से जुड़ी समस्याएँ होने की आशंका बनी रहती है।
- अगर आप पाचन से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं तो गोखरू का इस्तेमाल बहुत कम मात्रा में या नहीं करना चाहिए।
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इस लेख की जानकारी हमें डॉक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है तो सलाह लेने के बाद ही इस पर अमल करें। और सही सेवन और उसकी उचित मात्रा जानने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।