ऋतु परिवर्तन प्रेगनेंसी को कैसे प्रभावित कर सकती है ? कैसे करें बचाव
गर्भवती होना एक महिला के जीवन की सबसे रोमांचक और आनंददायक घटनाओं में से एक है। अब सर्दियों की शुरुआत हो चुकी है और करीब एक महीने से ज्यादा का समय भी हो चुका है। ऐसे में बहुत सारी गर्भवती महिलाओं के मन में सवाल आते हैं। कि क्या मौसम का बदलाव हमारी प्रेगनेंसी को प्रभावित कर सकता है। तो यह बात सच है क्योंकि आुयुर्वेद के अनुसार ऋतु परिवर्तन महिलाओं की प्रेगनेंसी को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में कुछ आयुर्वेद एवं घरेलू उपचार को अपनाकर सर्दियों में आप अपनी प्रेगनेंसी को पूरी सुरक्षा प्रदान कर सकती हैंं।
वैसे तो सर्दी का मौसम गर्भवती महिलाओं लिए सबसे अच्छे मौसमों में से एक है। यह मौसम न केवल अच्छा और सुहावना है। बल्कि इस मौसम में विभिन्न प्रकार के पोषण से भरपूर खाद्य पदार्थ बहुत आसानी से मिल जाते हैं। हालांकि, यह मौसम चुनौतियों से भी भरा होता है। इसी को देखते हुए कि इस समय के दौरान गर्भवती महिलाओं को विभिन्न एलर्जी और संक्रमण का खतरा होता है। उपयुक्त कपड़े पहनना, गर्म रखना, पानी का ध्यान रखना और सक्रिय रहना आपके गर्भावस्था के अनुभव को एक अद्भुत और यादगार अनुभव में बदल सकता है।
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शीत ऋतु एक सुंदर मौसम है, लेकिन गर्भवती महिलाओं के लिए यह का एक कठिन समय भी हो सकता है। बदलते मौसम के मिजाज और उतार-चढ़ाव वाले तापमान में कई वायरस और बैक्टीरिया बढ़ सकते हैं। मौसमी पराग और रोगाणुओं से साइनस संक्रमण का खतरा होता है, और एलर्जी आखिरी चीज है जिससे महिलाओं की गर्भावस्था प्रभावित हो सकती है।
यदि आप गर्भवती हैं, तो सर्दियों की शुरुआत का मतलब है कि आपको विशेष देखभाल करने की आवश्यकता है। हवा में नमी की कमी होती है जिससे फ्लू, सर्दी-जुकाम आदि कई तरह के संक्रमण हो जाते हैं। गर्भावस्था के दौरान, संक्रमण से बचने के लिए आपकी प्रतिरक्षा का स्तर काफी अधिक होना चाहिए। इसलिए, आपको सही तरह के भोजन का सेवन करना चाहिए, और आपकी त्वचा को पर्याप्त रूप से हाइड्रेटेड रखना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को भी पर्याप्त सुरक्षा के लिए सही कपड़ों का चयन करने की आवश्यकता होती है।
प्रेगनेंसी के दौरान सर्दियों में कौन से सावधानियां रखना चाहिए ?
ठंड़ियों के मौसम में गर्भवती महिलाओं को बहुत सारी सावधनियों से होकर गुजरना पड़ता है। यह सावधनियां किसी चुतौनी से कम नही होती है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के लिए डीहाइड्रेशन की समस्या सबसे ज्यादा होती है। यह समस्या इसलिए होती है । क्योंकि सर्दियों में हर किसी का पानी पीने का मन नही होता है। ऐसे में पानी न पीने की वजह से डीहाइ़ड्रेशन का खतरा अधिक बढ़ जाता है।
शरीर में न होने दें पानी की कमी – सर्दियों में गर्भावस्था के दौरान पानी की कमी को पूरा करने के लिए आपको समय-समय पर पानी पीते रहना है। यदि आप इन दिनों 5-6 गिलास पानी पीते हैं। तो आप डीहाइड्रेशन की समस्या से बच जायेंगे। यदि सर्दियों के मौसम में ठंडा पानी में पीने में परेशानी होती है। तो पानी को हल्का गर्म कर करके गुनगुना पानी पीने से माँ एवं गर्भस्थ शिशु दोनों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा रहता है।
सर्दियों में प्रेगनेंसी के दौरान हरी सब्जियों का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करें – प्रेगनेंसी में ऐसे खाद्य पदार्थों की लिस्ट बनाएं जिसमें ज्यादा से ज्यादा पोषक तत्व, आयरन, मिनिरल पर्याप्त मात्रा में हो। इन सभी के साथ ऐसे आहार का चयन गर्भवती महिलाओं को करना चाहिए। जो कैल्शियम, मैग्नीशियम, कैलोरी, विटामिन आदि के अच्छे स्त्रोत हो।
आशा आयुर्वेदा के प्रेगनेंसी डाइट एक्सपर्ट्स का कहना है। कि गर्भवती महिलाओं को सर्दियों के मौसम में ऐसे खाद्य पदार्थों को अपनी थाली में जगह देनी चाहिए। जो विडामिन डी से भरपूर हो। माँ के स्वास्थ्य के साथ-साथ गर्भस्थ शिशु की बेहतर सेहत के लिए फोलिक एसिड वाले फूड्स को खाना चाहिए। जो गर्भ में पल रहे शिशु के विकास से लिए सबसे अच्छा होता है। यदि सर्दियों में गर्भावस्था के दौरान इन इस खास डाइट को आप फॉलो करती है। तो माँ एवं बच्चे दोनों की सेहत में सर्दियों को कोई विशेष प्रभाव नही पडेगा ।
प्रेगनेंसी में नींद बहुत जरुरी है – नींद गर्भावस्था के दौरान एक विशेष फैक्टर है। इसलिए हर गर्भवती महिला को 6-8 घंटे सोना बहुत जरुरी है। किसी भी परिस्थिति में नींद के साथ कोई भी समझौता न करें। क्योंकि अगर आप नींद नहीं लेंगी तो यह आपको समस्या में डाल सकती है। यदि आप दोपाहर में सोने के लिए समय निकाल लेती हैं। तो यह भी अच्छा हैं परंतु यदि दोपाहर को नींद लेना संभव नही होता है। तो रात्रि में 8 घंटे की नींद जरुर लें। सर्दियों में प्रेगनेंसी के दौरान नींद आपको और आपके शिशु दोनों को स्वास्थ्य रखती है।
सर्दियों में प्रेगनेंसी से दौरान हाथ-पैर में होती है सूजन तो अनदेखा न करें – इस बात के विशेष ध्यान देना है। कि यदि सर्दियों में गर्भवती महिलाओं के हाथ-पैर में सूजन आती है। तो आप गर्म कपड़े पहनें और आग भी सेक सकते है। परंतु यदि आग सेकने की सुविधा नही हैं। तो आप सुबह से शाम की ठंड से बचने के लिए रजाई एवं गर्म कपड़ो की मदद लें। कुछ प्रेगनेंसी की एक्सरसाइज है। जिसको एक्सपर्ट की मदद से नियमित रुप से कर सकती हैं। यह योग व्यायाम आपके पूरे शरीर को एक्टिव रखेगा और ठंड भी ज्यादा नही लगेगी।
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